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श्मसान घाट , बक्सर

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                    श्मशान घाट(बक्सर)                    ---------------------------------- जिंदादिली एवं चपलता की व्याख्या करने वाले इस नगरी में ठहराव नाम का कोई शब्द भले नहीं किंतु शहर के छोर पर गंगा तट से लगा एक ऐसा परिक्षेत्र भी है जो ठहराव की महत्ता को सुस्पष्ट परिभाषित करता है। योनियों के सफर को रोक मिट्टी में खाक कर पूर्वजों से मिलाने वाला यह परिक्षेत्र मुक्तिधाम से नामित बक्सर का वो श्मशान घाट है जहां लपेटें कभी नहीं थमती हैं। महत्ता--  गंगा नदी के उत्तरायणी होने की वजह से बक्सर के इस मुक्तिधाम नामित श्मशान घाट की महत्ता बहुत बढ़ जाती है। इस श्मशान घाट की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी तुलना बनारस के मणिकर्णिका घाट से भी लोग करते हैं।बक्सर के इस महाश्मशान घाट का नाम भी उन घाटों में शुमार है जहां कभी भी लपटें नहीं थमती, हाल तो यह होता है कि एक चिता को अग्नि देने के लिए दूसरी चिता के भी आग का इस्तेमाल किया जाता है। घाट पे स्थित मंदि...

कंवलदह पोखरा, बक्सर ( शहीद स्मारक पार्क)

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 कमलदह पोखरा (शहीद स्मारक)                 पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से अलंकृत यूं तो इस नगरी में सैकड़ों स्थल होंगे पर एक ऐसा स्थल भी है जिसका नाम इस शहर से सदियों से जुड़ा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं बक्सर स्टेशन से महज 300 मीटर की दूरी पर स्थित कमलदह पोखरा की जिसे व्याघ्रसर नाम से भी जाना जाता है और जो अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात है। मान्यता--             मान्यता है कि ऋषि दुर्वासा के अभिशाप के परिणाम से ऋषि वेदशिरा के बाघ के चेहरे को एक पावन कुंड में स्नान करने के बाद ही पूर्ववत रूप की प्राप्ति हुई थी जिसे व्याघ्रसर से नामित किया गया था । संभवत इस वजह से ही इस पवित्र नगरी को भी व्याघ्रसर का नाम मिला जो कालांतर में अपभ्रंश हो बक्सर बन गया। आज भी आपको सरोवर से कुछ दूर पर ऋषि वेदशिरा का आश्रम का प्रतीक बना एक छोटा मंदिर दिख जाएगा जो संभवत प्रशासन एवं आम जनमानस की उपेक्षा का शिकार हो चुका है सरोवर का सौंदर्यीकरण--                ...

बक्सर रेलवे स्टेशन

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              बक्सर रेलवे स्टेशन            ------------------------------ इस बक्सर में एक ऐसा स्थान है जहां आप बचपन से जाते रहे हैं पर उद्देश्य भ्रमण का संभवत नहीं रहा होगा। आपकी ना जाने कितने ही यात्राओं का गवाह रहा  वह स्थल कोई और नहीं अपितु बक्सर का रेलवे स्टेशन है जो बक्सर को बाकी दुनिया से जोड़ता है। पुरानी बातें --                बक्सर रेलवे स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे का एक अभिन्न अंग है जो दानापुर मंडल के अंतर्गत आता है जिसका स्टेशन कोड BXR है। इस स्टेशन का गठन तब किया गया था जब पटना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन को जोड़ा जा रहा था। स्टेशन के आस पास से जुड़े स्टेशन को जोड़ने वाले रेल मार्ग का विद्युतीकरण 1999 से 2002 के बीच किया गया था। महत्ता --          दिल्ली हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण इस स्टेशन की महत्ता बढ़ जाती है जिस कारण यहां से आसपास के जिलों के लोग भी अपनी यात्रा हेतु आते हैं। अनुमान के अनुसार लगभग 15000 लोग प्रतिदिन इ...

रामरेखा घाट ( बक्सर )

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               रामरेखा घाट (बक्सर)                 ------------------------- इस मिट्टी की पुण्यता की पराकाष्ठा का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि त्रेतायुग में यहां प्रभु श्रीराम के श्रीचरण पड़े थे। इस पवित्र नगरी के कण कण में राम बसें है पर नगर के चरित्रवन में गंगा तट पर स्थित रामरेखा घाट की महिमा अद्वितीय है कारण कि उसी घाट पर माँ गंगे के स्नेह और प्रभु राम के श्रीचरणों का मेल हुआ था। मान्यता--              त्रेतायुग का इतिहास हमे बताता है कि सिद्धाश्रम के इसी घाट के पास महर्षि विश्वामित्र का आश्रम हुआ करता था।  राक्षसों के संहार के उद्देश्य से प्रभु राम का आगमन जब सिद्धाश्रम में हुआ था तो इस घाट को भी उन्होंने अपने श्रीचरणों से पवित्र किया था। इसी घाट के निकट आज भी रामेश्वर मंदिर विद्यमान है जो प्रभु राम द्वारा ही स्थापित किया गया था। घाट का नामकरण--                  ऐसा कहा जाता है कि श्रीराम ने राक्षसों के गमन पर रो...

बक्सर का किला

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            बक्सर का किला, बक्सर            ------------------------------- आधुनिकता के इस दौर में खुद को स्थापित करना भले ही इस शहर को आ गया हो पर इतिहास को संजोए रखना शायद ही इसने सीखा। शोर शराबा, हँसी ठिठोली वाद विवाद और मुस्कानों से चहचहाते इस शहर को जिंदादिली के नाम पर भले हम मिसाल माने किंतु आज भी कुछ विरासत हैं जो मरणशय्या पर पड़े हैं। ऐसी ही विरासतों में आज हमने ढूंढ निकाला है बक्सर के किले को जो अब बस टूटी फूटी दीवारों तक सीमित रह गया है। निर्माण कार्य--                 बक्सर शहर के उत्तरी छोर पर अवस्थित इस किले का निर्माण तत्कालीन राजा रुद्रदेव महाराज द्वारा 1054ई. में करवाया गया था।राज्य की सुरक्षा के दृष्टि से इस किले को काफी मजबूत बनाया गया था बनावट--            किले के चारों कोने पर सुरक्षा बुर्ज बने हुए थे जिनमें से अभी बस तीन बुर्जों के ही अवशेष बचे हुए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से किले के चारों ओर गहरी खाई का भी निर्माण किया गया था जो अब अनावश्यक...

वीर कुंवर सिंह सेतु (बक्सर- बलिया )

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       वीर कुंवर सिंह सेतु ( बक्सर-बलिया)      ---------------------------------------------- किसी भी नगरीय सभ्यता को सिंचित करने में नदियों का हमेशा से महत्व रहा है और वो भूभाग खुद को धन्य ही समझता होगा जिसे माँ गंगे का वात्सल्य मिला हो। इन्ही चंद भाग्यशाली भूभागों में हमारा बक्सर भी शुमार है क्योंकि गंगा हमारे जिले के चौहद्दी के निर्धारण में प्रमुख भूमिका अदा करने के साथ बिहार और उत्तर प्रदेश के हिस्सों को बाटती है। इसी पावन नदी पर बना है वो सेतु जो जिले के मुख्यालय को उत्तरप्रदेश के बलिया जिले से जोड़ता है और जिसे पूर्वांचल का लाइफलाइन भी कहा जाता है। आश्चर्य तो मुझे तब हुआ जब इस पोस्ट के लिए मैं जानकारी जुटाने में लगा था क्योंकि इस सेतु से जुड़ी जानकारी का जिक्र गूगल में भी दर्ज नही था। निर्माण कार्य--                   वीर कुंवर सिंह सेतु  का निर्माण 1977 ई. में हुआ था। इस सेतु को आम जनमानस के आवागमन हेतु जुलाई 1977 में सर्वसुलभ कर दिया गया था। बनावट--              ...