बक्सर रेलवे स्टेशन
बक्सर रेलवे स्टेशन
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इस बक्सर में एक ऐसा स्थान है जहां आप बचपन से जाते रहे हैं पर उद्देश्य भ्रमण का संभवत नहीं रहा होगा। आपकी ना जाने कितने ही यात्राओं का गवाह रहा वह स्थल कोई और नहीं अपितु बक्सर का रेलवे स्टेशन है जो बक्सर को बाकी दुनिया से जोड़ता है।
पुरानी बातें --
बक्सर रेलवे स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे का एक अभिन्न अंग है जो दानापुर मंडल के अंतर्गत आता है जिसका स्टेशन कोड BXR है। इस स्टेशन का गठन तब किया गया था जब पटना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन को जोड़ा जा रहा था। स्टेशन के आस पास से जुड़े स्टेशन को जोड़ने वाले रेल मार्ग का विद्युतीकरण 1999 से 2002 के बीच किया गया था।
महत्ता --
दिल्ली हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण इस स्टेशन की महत्ता बढ़ जाती है जिस कारण यहां से आसपास के जिलों के लोग भी अपनी यात्रा हेतु आते हैं। अनुमान के अनुसार लगभग 15000 लोग प्रतिदिन इस स्टेशन से यात्रा करते हैं। बक्सर स्टेशन पर लगभग 114 रेलगाड़ियों का ठहराव होता है और साथ ही 6 गाड़ियां यहां से बन के निकलती है। स्टेशन से गुजरने वाली अधिकांशतः रेलगाड़ियों का यहां ठहराव होता है जिस वजह से रेलवे परिसर लोगों से हमेशा भरा रहता है।
विवरण--
बक्सर स्टेशन में कुल प्लेटफॉर्म की संख्या 3 है जिन्हें दो ऊपरगामी पुल द्वारा आवागमन हेतु जोड़ा गया है। मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो स्टेशन परिसर के सभी प्लेटफार्मों पर पीने के लिए स्वच्छ जल, शौचालय, विद्युतीकरण आदि की व्यवस्था की गई है। सभी प्लेटफार्म पर फूड स्टॉल के साथ अन्य जलपान की दुकानें भी आपको दिख जाएंगी। प्लेटफार्म संख्या एक पर पैनल रूम, स्टेशन प्रबंधक कक्ष, रेलवे पुलिस कक्ष के अलावा यात्रियों हेतु प्रतीक्षालय कक्ष एवम एक छोटे रेस्तरॉ का भी निर्माण किया गया है। इसी प्लेटफार्म के पूर्वी ओर एक बुक स्टॉल है जहां पाठकों को अपनी मनपसंद किताबें मिल जाती है साथ ही प्लेटफार्म के पश्चिमी ओर एक पार्क बना है जिसे और दुरुस्त करने की आवश्यकता है।
स्टेशन के बाहर पूर्वी छोर पर बक्सर स्टेशन का माल गोदाम है जहाँ रेलवे द्वारा लाए गए सामानों का संग्रहण किया जाता है।स्टेशन के मुख्य प्रांगण में पर्याप्त जगह है जहां यात्रियों की भीड़ हर वक्त रहती है और उनकी सुविधा हेतु विद्युतबोर्ड पर रेलगाड़ियों की ताजा जानकारी प्रकाशित की जाती रहती है। इसी प्रांगण के एक छोर पर पूछताछ हेतु पूछताछ काउंटर की भी सुविधा है। यात्रियों की सुविधाजनक यात्रा हेतु प्रांगण में पर्याप्त मात्रा में टिकट काउंटर की व्यवस्था होने के साथ ही स्टेशन के मुख्य भाग के आगे एक हाई मास्ट लगा हुआ है जो रात के वक्त पूरे परिसर को प्रकाशमान बनाए रखता है जिसके बगल में अब आप भारतीय ध्वज को भी लहराता हुआ देखेंगे।
कलाकृतियां--
स्टेशन परिसर को आकर्षक बनाने हेतु स्टेशन के मुख्य प्रांगण को रंगों और आकृतियों से सजाया गया है। राम, विश्वामित्र से जुड़े तथ्यों के साथ ही आपको प्रांगण की दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग भी देखने को मिलेगी।
विशिष्ठ--
बक्सर का नाम उन चुनिंदा स्टेशनों में है शुमार है जहां लिफ्ट, स्वचलित सीढ़ी और वाई-फाई की सुविधा मौजूद है।इस स्टेशन को रामायण सर्किट से भी जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त है।
परन्तु--
पार्किंग की कमी, प्रांगण के बाहर अतिक्रमण के साथ ही रेलवे को प्रशासन के साथ मिलके आसपास की साफ सफाई पर भी ध्यान देना होगा। स्टेशन के पूर्वी छोर पर ओवरब्रिज के ना होने से अक्सर लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है जो लोगों की सबसे बड़ी समस्या है।
यादें--
परिचितों से अचानक मुलाकात, ट्रेन के लिए दौड़ते लोगों की झलक, हल्की नोक झोंक, तरह तरह की ध्वनियों से अपने सामानों को बेचते फेरी वालों की आवाज के साथ ही बंदरों की हुरदंगई आदि स्टेशन से जुड़ी यादों को जीवंत बना देती है।
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वहां आपको DEKHO BUXAR की टीम बक्सर की यादों के साथ ही बक्सर के प्रतिपल की घटनाओं से आपको जोड़े रखेगी।
लेखन-- अभिजीत
तस्वीरें-- सूर्यप्रकाश
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