वीर कुंवर सिंह सेतु (बक्सर- बलिया )
वीर कुंवर सिंह सेतु ( बक्सर-बलिया)
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किसी भी नगरीय सभ्यता को सिंचित करने में नदियों का हमेशा से महत्व रहा है और वो भूभाग खुद को धन्य ही समझता होगा जिसे माँ गंगे का वात्सल्य मिला हो। इन्ही चंद भाग्यशाली भूभागों में हमारा बक्सर भी शुमार है क्योंकि गंगा हमारे जिले के चौहद्दी के निर्धारण में प्रमुख भूमिका अदा करने के साथ बिहार और उत्तर प्रदेश के हिस्सों को बाटती है।
इसी पावन नदी पर बना है वो सेतु जो जिले के मुख्यालय को उत्तरप्रदेश के बलिया जिले से जोड़ता है और जिसे पूर्वांचल का लाइफलाइन भी कहा जाता है। आश्चर्य तो मुझे तब हुआ जब इस पोस्ट के लिए मैं जानकारी जुटाने में लगा था क्योंकि इस सेतु से जुड़ी जानकारी का जिक्र गूगल में भी दर्ज नही था।
निर्माण कार्य--
वीर कुंवर सिंह सेतु का निर्माण 1977 ई. में हुआ था। इस सेतु को आम जनमानस के आवागमन हेतु जुलाई 1977 में सर्वसुलभ कर दिया गया था।
बनावट--
सेतु की कुल लम्बाई 1100 मीटर है। सेतु को देखने से पता चलता है कि इसे काफी आधुनिक तरीके से बनाया गया था। दो लेन के इस सेतु में यातायात के साथ यात्रियों के आवागमन के लिए दोनो किनारे पर फुटपाथ बनाया गया था। साथ ही रात्रि में सुविधाजनक आवागमन हेतु कंक्रीट के पोल का निर्माण किया गया था। हालांकि काफी वर्षों से ये बिजली के पोल बस शोभा की वस्तु बने पड़े हैं। सेतु में कुल 11 खम्भे लगे हुए है जो आज भी इसे मजबूती से नदी के तल से बांधे खड़े हैं।
चिंता--
इलाके का सबसे व्यस्ततम सेतु होने के साथ ही मालवाहक वाहनों की मनमानी एवम प्रसाशन की अनदेखी से कुछ वर्षों पूर्व ही ये सेतु कई जगहों से छतिग्रस्त हो गया था। इस वजह से लगभग 6 वर्षों पूर्व वर्ष 2014-15 से ही भारी वाहनों का परिचालन बन्द कर दिया गया था जो नदी के दोनो ओर स्थित भूभागों के लिए अभिशाप से कम नही।
उम्मीद--
मौजूद सेतु के समानांतर में नए सेतु का निर्माण पिछले 2 वर्षों से जारी है जिसे इसी वर्ष अक्टूबर तक पूरा किया जाना था पर अब शायद कुछ विलम्ब हो। जानकारी के मुताबिक इस नए सेतु में कुल बारह खम्भे होंगे। दो लेन का ये सेतु 36 फीट चौड़ा होगा। उम्मीद है जल्द ही नए सेतु का कार्य पूरा होगा।
यादें--
टमटम (एक्का) का नाम सुना ही होगा आपने☺️ आज भी वो दिन याद है जब इस सेतु से कम दूरी के लिए लोग इसका प्रयोग करते थे पर वाहनों की भरमार ने एक्के की सवारी के अवसर को ज्यादा दिन न टिकने दिया😏 आपमे से कितनो ने एक्के की सवारी से इस सेतु पर छोटे सफर का आनंद लिया होगा।
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लेखन-- अभिजीत
तस्वीरें-- सूर्यप्रकाश
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