नौलक्खा मंदिर


"बक्सर" जिसको हमने इतिहास के पन्नो में सिद्धाश्रम,वेदगर्भपुरी,तपोवन और व्याघ्रसर आदि नामों से पढा है । इस बक्सर को मा गंगे का वात्सल्य मिलने के साथ महर्षि विश्वामित्र का मार्गदर्शन और प्रभु श्रीराम का सानिध्य मिला है और साथ ही इस प्राचीन शहर ने विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान कायम की है। अपनी ऐतिहासिकता एवम पौराणिकता की पहचान लिए जीवंत दिखते इस शहर में कई ऐसे स्थल है जो अपने आप में अनूठे और अद्वितीय है। मेरे ब्लॉग का ये हिस्सा बक्सर के चंद प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों को सपर्पित है जिसमे आपको बक्सर के हरेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का विवरण मिल जाएगा।
                    
                 नौलक्खा मंदिर
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बात बक्सर के दर्शनीय स्थलों की हो और नौलक्खा मंदिर का नाम ना आए ये असम्भव है । नौलक्खा मंदिर  अपनी एक अलग पहचान रखता है क्योंकि पूरे पटना प्रमंडल में यह एक इकलौता मंदिर है जो दक्षिण भारतीय पद्धति से मेल खाता है। भगवान श्रीहरि विष्णु के इस मंदिर को 'दिव्य देश' के नाम से भी लोग उच्चरित करते हैं।

बनावट--
दक्षिण भारतीय शैली में बना ये मंदिर अप्रतिम है। मंदिर में जाने हेतु दो दरवाजे हैं जिनके ऊपर बने गुम्बदों पर नायाब नक्काशी की गई है। मुख्य प्रांगण में बैठने के लिए एक बड़ा हॉल है जहाँ भक्त आराम से बैठ प्रभु का चिंतन करते हैं। 

निर्माण कार्य--
मंदिर का निर्माण पूजनीय त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के मार्गदर्शन में सम्भव हो पाया था। मंदिर निर्माण करवाने का सारा श्रेय श्रीनिवास कॉटन के मालिक श्री वासुदेव जी सोमानी का है जिनके उत्तराधिकारी आज भी मंदिर का वित्तीय भार देखते है।

विशेषता--
ये मंदिर यूं तो कई मामले में अद्वितीय है पर इसकी मुख्य विशेषता है इसके प्रांगण में स्थित "शीश महल"। शीश महल कलाकारी का नायाब उदाहरण है जिसमे प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण के जीवन के प्रमुख अंशों को शीशे पर उधृत चित्रों द्वारा दर्शाया गया है। मंदिर के मुख्य द्वार पर सोने के परत चढ़े कलश रखे गए है जो नायाब है। मंदिर के पीछे एक बगीचा है जहाँ कुछ वर्षों पूर्व तक प्रभु श्रीराम से जुड़ी मूर्तियां भी थी जो अब टूट चुकी है और इन्हें प्रांगण के ही एक कमरे में रख दिया गया है।
अपनी इन्ही महत्ता और खूबसूरती के कारण ये मंदिर पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।

इन सभी यादों से जुड़ने के लिए आप मेरे फेसबुक पेज "DEKHO BUXAR" से जुड़िये।
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लेखन-- अभिजीत

तस्वीरें-- सूर्यप्रकाश

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